नए फौजदारी कानूनों को लागू करने में कई चुनौतियां
केन्द्र सरकार ने फौजदारी कानूनों में बदलाव करने का साहसिक कदम उठाया है। भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) अधिनियम 2023 संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल कर चुके हैं। यह तीनों कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860, अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) 1973 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लेंगे। इन नए कानूनों में कई अहम बदलाव किए गए हैं। आईपीसी, सीआरपीसी तथा साक्ष्य अधिनियम की अधिसंख्य धाराओं की परिभाषाओं में परिवर्तन नहीं किया गया है। केवल धाराओं का क्रम बदल गया है। लेकिन साथ ही कुछ अपराधों की शब्दावली और परिभाषा में आमूल-चूल बदल किया गया है।